सरकार बताए अभी तक क्यों नहीं हुआ ‘प्रेस मान्यता समिति’ का गठन: उच्चन्यायालय

Allahabad High Court sought response from the government for non-constituting of Press Recognition Committee
  • उत्तर प्रदेश में विज्ञापन के दो साल बाद भी नहीं हुआ प्रेस मान्यता समिति का गठन

भदोही, 16 सितंबर। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश की तरफ से प्रेस मान्यता समिति गठित न किए जाने पर इलाहबाद उच्चन्यायालय ने सरकार से जबाब माँगा है।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्र एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खण्डपीठ ने अगली तिथि 30 सितंबर नियत करते हुए पूछा है कि अब तक प्रेस मान्यता समिति का गठन क्यों नहीं हुआ।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश की तरफ से 6 जून 2020 को प्रेस मान्यता समिति गठित करने के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया था। उक्त के संदर्भ में प्रदेश के अन्य संगठनों के साथ आंल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन (ऐप्रवा) की ओर से भी आवेदन किया गया था।

उक्त समिति के गठन में हो रही देरी के सम्बन्ध में ऐप्रवा की ओर से मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के आला अधिकारियों को पत्र भेजा था। जिसमें उत्तर प्रदेश शासन ने ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन (ऐप्रवा) को सम्मिलित करने के लिए एक पत्र निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश को भेजा था। जिसके बावजूद भी कोई कार्यवाही न होने पर, ऐप्रवा की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में फरवरी 2022 में एक याचिका दाखिल की गई।

याचिका दाखिल होने के बाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश शासन से मान्यता समिति के गठन के लिए जवाब मांगा। जिसमें शासन की ओर से यह बताया गया था कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के कारण नई सरकार बनने के बाद ही प्रेस मान्यता समिति का गठन करने की कार्यवाही हो पाएगी। इस जानकारी के बाद कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका निस्तारित किया था कि यदि सरकार बनने के बाद मान्यता समिति गठित नहीं होती तो याची फिर याचिका दायर कर सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता व न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने दिया था।

फिर बाद में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की दूसरी बार सरकार बनने पर ऐप्रवा के अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी की ओर से अनुस्मारक यानी स्मरण पत्र शासन को भेजा गया। जिसके बावजूद भी मान्यता समिति का गठन नहीं हो पाया। तत्पश्चात कोर्ट के आदेश के क्रम में पुनः आंल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन (ऐप्रवा) के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री की तरफ से याचिका दाखिल की गयी। जिसमें 14 सितंबर को न्यायमूर्ति मनोज मिश्र एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खण्डपीठ ने अगली तिथि 30 सितंबर नियत करते हुए पूछा है कि अब तक प्रेस मान्यता समिति का गठन क्यों नहीं हुआ।