भदोही: भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के अपने ही उम्मीदवार अमित सिंह से लिया समर्थन वापस

Highlights
  • जिलापंचायत अध्यक्ष : भाजपा ने अपने ही उम्मीदवार अमित सिंह से लिया समर्थन वापस
  • चुनावी मैदान में बचे भाजपा विधायक रविन्द्रनाथ त्रिपाठी के भाई और अमित सिंह 
  • अमित सिंह ने नामांकन नहीं लिया वापस, कानूनी तौर पर दो उम्मीदवार मैदान में

भदोही, 29 जून / शब्दरंग न्यूज डेस्क


जनपद भदोही में जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा का सियासी दांव उल्टा पड़ गया है। पार्टी ने प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर घोषित उम्मीदवार अमित सिंह का नाम वापस ले लिया है। पार्टी अब अपने तरफ से किसी का भी समर्थन नहीं करेगी। इस फैसले से भाजपा विधायक रविंद्र नाथ त्रिपाठी के भाई अनिरुद्ध त्रिपाठी का जिलाध्यक्ष चुना जाना लगभग तय हो चुका है।

Bhadohi_ BJP withdraws support from its own candidate for the post of District Panchayat President Amit Singh

भाजपा जिलाअध्यक्ष विनय कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि भदोही में पार्टी ने उम्मीदवार अमित सिंह से समर्थन वापस ले लिया गया है। पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अब किसी को भी चुनाव नहीं लड़ाएगी। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा है कि यह निर्णय प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि

पार्टी भाजपा विधायक रविंद्र नाथ त्रिपाठी के भाई अनिरुद्ध त्रिपाठी को भी समर्थन नहीं देगी। क्योंकि नामांकन का वक्त बीत गया था इसलिए अमित सिंह का पर्चा वापस नहीं हो सकता था लिहाजा पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। भाजपा इस निर्णय के बाद खुद बैकफुट पर चली गई है। अगर उसे उम्मीदवार नहीं लड़ाना था फिर अमित सिंह को क्यों उम्मीदवार घोषित किया गया। लेकिन जो सियासी हालात बन रहे थे उसमें पार्टी खुद उलझ गई थी। अपनों की आपसी लड़ाई में किसी भी स्थिति में वह सीट नहीं खोना चाहती थी। एक तरह से पार्टी का यह अच्छा निर्णय भी कहा जा सकता है। लेकिन अमित सिंह ने नामांकन वापस नहीं लिया है। वह कानूनी रुप से उम्मीदवार हैं।

BJP withdraws support from its own candidate for the post of District Panchayat President Amit Singhजिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अब केवल दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए हैं। जिसमें भाजपा विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी के भाई के परिवार से हैं। अनिरुद्ध त्रिपाठी उनके भाई हैं। भतीजे चंद्रभूषण त्रिपाठी नामांकन वापस ले चुके हैं। इस निर्णय के बाद लगभग तय माना जा रहा है कि अब एक तरफा जीत अनिरुद्ध त्रिपाठी की हो सकती है। क्योंकि अनिरुद्ध त्रिपाठी के सामने कोई उम्मीदवार ही नहीं है। बसपा-सपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं।

समाजवादी पार्टी इस पूरे चुनाव में गायब हो गई। सपा की तरफ से श्याम कुमारी मौर्या को अपना उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन जिस दिन नामांकन होना था उस दिन उन्हें दाखिले के लिए कोई प्रस्ताक ही नहीं मिले। इस बात को गंभीरता से लेते हुए पार्टी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भदोही समेत कई जिलों के जिला अध्यक्षों की कुर्सी छीन लिया। अब भाजपा विधायक त्रिपाठी के भाई अनिरुद्ध त्रिपाठी का जिलापंचायत अध्यक्ष चुना जाना लगभग तय हो चुका है। भाजपा अपना उम्मीदवार भले नहीं लड़ा रही है, लेकिन जो तस्वीर उभर कर आयी है उससे चित्त भी और पट्ट भी उसी की राजनीति सफल होती दिखती है।