जिले में कोरोना की लहर की भांति बढ़ रही है कालाबाजारी

अंबेडकरनगर। कोरोना वायरस महामारी (कोविड-19) के प्रसार और इसके आगे के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए लागू किए गए अनियोजित लॉकडाउन ने ऐसे लाखों लोगों के जीवन में एक आर्थिक तबाही मचा दी है जो अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं। इनमें न केवल दिहाड़ी मज़दूर हैं बल्कि अनियमित अर्थव्‍यवस्‍था में काम करने वाले मजदूर भी हैं।

मौके का फायदा उठाकर कई जगह दुकानदार मनमानी करने लगे हैं। ग्राहकों से मनमाने तरीके से वसूली की जा रही है। प्रशासन ने खाद्य व आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टरों को आदेश दिया है कि ऐसा करने वालों पर तुरंत सख्त कार्रवाई करें, ताकि कोरोना से जूझ रहे लोगों को बीमारी के दौरान राहत मिले। प्रशासन को लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं कि बहुत-से लोग आपदा में अवसर खोज रहे हैं और कोरोना काल के दौरान नगर समेत आसपास के बाजारों में खाद्य सामग्री से लेकर अन्य सामानों की कमी बताकर दुकानदार निर्धारित से मूल्य अधिक पर सामान बेच रहे हैं।

जिला प्रशासन का शिकायत के बावजूद बाजार पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। इसके चलते कालाबाजारी पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। रमजान के साथ शादी विवाह का समय चल रहा है। बाजारों में खरीददारी के लिए लोग पहुंच रहे हैं। वहीं व्यापारी वर्ग कोरोना कर्फ्यू में दुकान बंदी दिखाकर नाजायज फायदा उठा रहे हैं। कपड़े, किराना, घी, चीनी समेत खाने-पीने से सामान के दाम बढ़ा दिए हैं।

इस कारण लुके छिपे तरीके से ग्राहकों को दुकान के अंदर कर लिया जाता है। कुछ दुकानदार चोरी-छिपे दुकान खोलकर सामान बेच रहे हैं। न तो मास्क और न ही सोशल डिस्टिंग का पालन कर रहे हैं। डेयरी पर बिकने वाले दूध, पनीर, मावा समेत खाद्य पदार्थ विभाग की मिलीभगत से मिलावट के साथ ऊंचे दामों पर बिक रहा है। कोरोना की दूसरी लहर जिस तेजी से फैल रही है उसी तेजी से आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बढ़ रही है। हालात इस कदर बदहाल है कि प्रशासन इस ओर मूकदर्शक की भांति तमाशा देख रहा है।