लखनऊ। शब्दरंग न्यूज़ डेस्क
प्रदेश के मुुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 के साथ बैठक करते हुए दूसरे राज्यों में कोरोना के बढ़ते केस को देखकर सतर्क रहने के साथ रात्रिकालीन कर्फ्यू को कड़ाई से पालन का निर्देश दिया है। लगातार कोशिशों से उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की स्थिति नियंत्रण में है। संक्रमण दर न्यूनतम स्थिति में है। विगत 24 घंटो में हुई 02 लाख 16 हजार 629 सैम्पल की टेस्टिंग में 60 जिलों में एक भी नया मरीज नहीं पाया गया। मात्र 19 नए संक्रमित पाए गए, जबकि 22 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए। इस अवधि में एक भी मरीज की मृत्यु भी नहीं हुई। प्रदेश में कुल एक्टिव केस की संख्या 342 है। कोविड रिकवरी दर 98.6 है, जबकि बीते 24 घंटे में पॉजिटिविटी दर 0.01% फीसदी रही।
विभिन्न राज्यों में कोविड के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। हमें सावधान रहना होगा। अतिरिक्त स्थिति बरतनी होगी। कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाना बहुत जरूरी है। रात्रि 10 बजे के बाद रात्रिकालीन कर्फ्यू को प्रभावी बनाया जाए। पुलिस टीम हूटर बजाकर समय से पूर्व एक चेतावनी जारी करे, ताकि 10 बजे तक दुकानें बंद हो जाएं। लोग अनावश्यक सड़कों पर न घूमें।
अवैध और जहरीली शराब के सेवन से जनपद आगरा में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस प्रकरण में संबंधित स्थानीय अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।प्रदेश में अवैध शराब की निर्माण, क्रय, विक्रय की एक भी घटना घटित न हो, इसके लिए ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है। अवैध शराब के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की जाए। अवैध शराब के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान तेज किया जाए। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
प्रदेश के दो जनपदों की सीमा के भीतर रेलयात्रा के दौरान लूट की घटना की सूचना मिली है। दोनों ही स्थानों पर लूट का ढंग कमोबेस एक जैसा ही है। राजकीय रेलवे पुलिस को सतर्क रहने की आवश्यकता है। आरपीएफ से भी संवाद बनाया जाए। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
बिजली बिल में ओवरबिलिंग की शिकायतों का तत्काल निस्तारण कराया जाए। बिजली बिल बकाए के नाम पर एक भी उपभोक्ता का उत्पीड़न न हो। बकाए की वजह से किसी भी किसान का बिजली कनेक्शन न काटा जाए। उनके बकाए के समाधान के लिए यथाशीघ्र एकमुश्त समाधान (ओटीएस) योजना लाई जाए। लोगों की शिकायतों का समाधान करते हुए उन्हें समय पर बिल भुगतान के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
केंद्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से अब तक 342 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। तकनीशियनों का यथोचित प्रशिक्षण शीघ्र पूरा कराया जाए। जिलाधिकारी गण निर्माणाधीन प्लांट के कार्यों का सतत निरीक्षण करते रहें।