अंबेडकरनगर । शब्दरंग न्यूज डेस्क
पूर्वांचल के नागरिकों की लोक आस्था व सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा को लेकर तीर्थनगरी में श्रद्धालुओं में जोरदार उत्साह रहा। बुधवार को छठ के पारंपरिक लोक गीतों हमहूं अरघिया देबे हे छठी मइया.., हम्मे तो ने जैबे कोने घाट.., हे छठी मइया.., शोभे ला घाट छठी माई के.., छठी माइ के लागल दरबार.. के साथ व्रती महिलाओं ने तीर्थनगरी के गंगा घाटों पर अस्तांचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य चढ़ाया।
कल गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रती अन्न जल ग्रहण कर महाव्रत का पारण करेंगी। बुधवार को पूरा नगर छठ पूजा के रंग में रंगी नजर आई। छठ पूजा के महत्वपूर्ण पूजा स्थल गायत्री मंदिर अकबरपुर तथा शिवालय घाट शहजादपुर छठ पूजा घाट को शानदार ढंग से सजाया गया था। यहां पूजा के लिए श्रद्धालुओं ने वेदियां तैयार थी। तट पर शाम चार बजे से ही व्रती महिलाओं का पहुंचना शुरू हो गया था।
महिलाएं सिर में प्रसाद की टोकरी लेकर बैंड बाजों के साथ छठ के पारंपरिक लोकगीत कांच रे बांस के बहंगिया, बहंगिया लचकत जाय…., अमर सुहाग होला, दुख जाला तार हो…., निर्धन जानेला, धनवान जानेला महिमा छठी मइया के पार इ जहान जानेला… भी गाते हुए चल रही थीं। अर्घ्य चढ़ाने से पहले व्रती महिलाओं ने गायत्री मंदिर अकबरपुर और कस्बा शहजादपुर में शिवालय घाट पर विधिवत पूजा-अर्चना की। तत्पश्चात अस्तांचल को गमन करते दीनानाथ को अर्घ्य चढ़ाया गया।
इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। छठ पूजा को देखते हुए अकबरपुर गायत्री मंदिर और शहजादपुर शिवालय घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। गुरुवार को प्रात:काल में उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रती महिलाएं अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण कर अपना व्रत खोलेंगी।