कोविड काल में चिकित्सकों ने निभायी अपनी नागरिक जिम्मेदारी -सुनील देवधर

Doctors performed their civic responsibility during the covid period

स्वाधीनता आंदोलन को कमजोर करने केलिए अंग्रेजों ने बनाई कांग्रेस

डॉ आरबी पाठक ने कोविड काल में लोगों को किया जागरूक

भदोही,14 नवम्बर। शब्दरंग न्यूज डेस्क

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील देवधर ने वाराणसी स्थित आईएमए में चिकित्सकों के बीच अपनी बात रखते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन को कमजोर करने के लिए अंग्रेजों ने कांग्रेस का गठन किया। दुनिया में इस तरह की घटनाएं बहुत कम ही मिलती है जब वीर सावरकर की पुस्तक को छपने के पहले ही अंग्रेजों ने प्रतिबंध लगा दिया। नागरिक जिम्मेदारियां ही लोगों को बनाती हैं बड़ा। इस बात को लोगों को नहीं भूलना चाहिए।

सुनील देवधर आईएमए में माय होम इंडिया की तरफ से आयोजित ‘आजादी का अमृत महोत्सव और नागरिक दायित्व’ विषय पर अपने अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा आजादी और स्वतंत्रता में बहुत बड़ा फर्क है। देश में आजादी के आंदोलन को कुचलने के लिए कमजोर करने के लिए अंग्रेजों ने कांग्रेस का गठन कर एक साजिश रची थी। देश में उग्र होते स्वाधीनता आंदोलन को कमजोर करने के लिए कांग्रेस का गठन बातचीत का रास्ता निकालने के लिए किया गया था।

अंग्रेजों की तरफ से देश में लादी गई मैकाले शिक्षा पद्धति भारत को वैचारिक गुलामी की और धकेलने के लिए लागू की गई थी। क्योंकि इस शिक्षा परिषद से हम मूल भारतीय शिक्षा पद्धति कट गए। जिसकी वजह से देश में अवैध शिक्षण का प्रचार-प्रसार हुआ और मूल भारतीय संस्कृत खोने लगी। जिसकी वजह से पश्चिमी संस्कृति और सभ्यता हावी होने लगी। मैकाले की शिक्षा पद्धति देश के लिए इसके लिए उचित नहीं।

सुनील देवधर ने आईएमए सभागार में मौजूद डॉ. राजेश्वर नारायण सिंह, डॉ अशोक राय, डॉ कार्तिकेय शर्मा और माय होम इंडिया के स्वतंत्र बहादुर की नागरिक जिम्मेदारियों के लिए विशेष उल्लेख करते हुए इन लोगों के सराहनीय योगदान को कोविड काल में बेहतर बताया।उन्होंने कहा इन लोगों ने नागरिक जिम्मेदारी खूब बेहतरीन तरीके से निभा कर कोविड-19 महामारी में जनता को लाभ पहुंचाया है। इस तरह के चिकित्सक और संगठन हमारे लिए अतुलनीय हैं जो देश और समाज की सेवा के लिए स्वयं को भूल जाते हैं।

भदोही से प्रतिभाग करने पहुंचे डॉक्टर आरबी पाठक की भी उन्होंने जमकर प्रशंसा किया। उन्होंने कहा डॉक्टर पाठक देश के एक आम नागरिक की भूमिका को किस तरह निभाया है वह कहने की बात नहीं है। डॉ. कोविड-19 महामारी के दौरान माय होम इंडिया के सहयोग से मुहिम चलाकर घर-घर पहुंच कोविड की जांच किया। उन्होंने अपनी टीम के साथ लोगों को प्रेरित किया। सबसे बड़ी बात है कि डॉ. पाठक ने कोई भी अवकाश नहीं लिया। यह समाज और नागरिक जिम्मेदारी की एक अनूठी मिसाल है। डॉ पाठक ने बताया की मोनू दुबे के सहयोग से माया होम इंडिया के अथक प्रयास से यह सब सम्भव हुआ। डॉ पाठक बताया कि कोविड वैक्सीनेशन में भी इस संगठन की अहम भूमिका है।