- द्रोपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुने जाने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने दी बधाई
भदोही, 22 जुलाई । द्रोपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने सुरियावां सामुदायिक स्वास्थ्य एक कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें बधाई दी है। मुख्य अतिथि सीएचसी अधीक्षक डॉ आरबी पाठक ने द्रोपदी मुर्मू के जीवन पर प्रकाश डाला।
भदोही जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुरियावां में स्वयंसेवी संस्था ‘माय होम इंडिया’ के द्वारा यह आयोजन किया गया। अधीक्षक डॉ आरबी पाठक ने उनके जीवन पर प्रकाश ड़ालते हुए बताया कि द्रोपदी मुर्मू का जीवन संघर्ष से भरा था। संघर्ष से ऊबर कर भारत के प्रथम नागरिक के सर्वोच्च पद पर अपने आप को स्थापित किया। द्रोपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के मयूरभंज जिले के ऊपरबेड़ा गांव में एक संथाली आदिवासी परिवार में हुआ था। यह आदिवासी भारत का तीसरा सबसे बड़ा आदिवासी समुदाय है।
जिला संयोजक सुशील मिश्रा ने बताया कि मुर्मू ने राज्य की राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक स्कूल शिक्षिका के रूप में शुरुआत की। भारत के इतिहास में पहली वह पहली आदिवासी महिला हैं जो राष्ट्रपति बनेगी। ओडिशा से आने वाली हैं। उन्होंने 6 साल राज्यपाल के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल झारखंड के इतिहास में सबसे लंबा कार्यकाल रहा है। इस दौरान महिला स्वस्थ्य कर्मियों ने आदिवासी महिला को सर्वोच्च पद पर बैठने पर खुशी जाहिर की है और बधाइयां दी है। इस मौके पर आलोक गुप्ता, ईश्वर चंद वर्मा, प्रवीण सिंह सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी मुर्मू को बधाई दी हैं।