अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व राममय हुआ भारतवर्ष

अजय एहसास
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आज प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या की सुंदरता, दिव्यता, भव्यता बस देखते ही बन रही है जिसका वर्णन शब्दों के माध्यम से कर पाना असंभव है। विगत एक महीने से प्रभु श्री राम की नगरी का अवलोकन करने मात्र से अंतर्मन शुद्ध एवं प्रसन्न हो जाता है तथा एक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है ।

आज अयोध्या नगरी ही नहीं बल्कि पूरा देश ,पूरा विश्व ,या यूँ कहें कि संपूर्ण ब्रह्मांड राममय हो रहा है और यह ऐसा अवसर है जब हमें अपने अंतःकरण के साथ-साथ उस स्थान के आत्म- गौरव को जागृत करना है जहां मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कर्तव्य निष्ठ लक्ष्मण ,धर्म निष्ठ भारत, एवं आज्ञाकारी शत्रुघ्न जी अवतरित होकर संपूर्ण ब्रह्मांड के कल्याण हेतु अपने चरित्र के माध्यम से इस नश्वर संसार के प्राणियों के लिए जीवन को सुचार रूप से संचालित करने के लिए, विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए, आत्मीय संबंधों मानव कर्तव्य एवं दायित्व के निर्वहन के लिए, मार्गदर्शन प्रदान किए।

Ramlala's life in Ayodhya

आज संपूर्ण विश्व प्रभु श्री राम की धुन तथा संगीत से गुंजायमान हो रहा है यह ऐसा अवसर है जब विभिन्न धर्मो, समूहों एवं संगठनों के लोग एक होकर भारतीय संस्कृति एवं विविधता में एकता का परिचय दे रहे हैं । तथा इस पवित्र एवं महान कार्य में अपना योगदान देकर एवं श्रमदान कर इस पवित्र कार्य के साक्षी बन रहे हैं।

गांव की तंग गली में विचरण करने वाले मासूम बच्चे भी “जय श्री राम” की ध्वनि से अपने अंतःकरण में आनंद की अनुभूति कर रहे हैं । आज देश के कोने-कोने से राममय वातावरण की गूंज प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या तक पहुंच रही है। आज अयोध्या नगरी को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा मानो ब्रह्मांड के निर्माता ने स्वयं ही इस नगरी की रचना की हो। प्रभु श्री राम के जीवन विस्तार उनकी प्रेरणा और आस्था भक्ति के दायरे से कहीं ज्यादा है जो मानव जीवन के लिए प्रेरणा स्रोत है। रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर नगरों में संकीर्तन हो रहे, श्री राम जी की पालकी सज रही ,झांकियां निकल रही।

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संपूर्ण देश में प्रभु श्री राम से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर उत्सव मनाया जा रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर हर्षोल्लास से सराबोर होकर हर कोई बस राम के काम में लगा हुआ है। ऐसे में घर-घर अक्षत और निमंत्रण बांटने में बच्चे भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इस शुभ कार्यक्रम के लिए पूरे देश में निमंत्रण बांटा जा रहा है। शहर से लेकर गांव तक, महल से लेकर झोपड़ी तक घर-घर अक्षत वितरण में बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़े तक सहयोग कर रहे हैं । यहां तक की महिलाएं भी घर घर जाकर अक्षत और प्रभु श्री राम की अयोध्या की फोटो का वितरण कर रही हैं।

इतना ही नहीं बाजारों में उपलब्ध पेन से लेकर अलग-अलग वैरायटी की टोपी, शर्ट, साड़ी तथा सर्दियों के चलते शाल भी अयोध्या और प्रभु राम के रंग में रंगे हुए नजर आ रहे हैं । हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि हमारा यह उत्सव, हमारी संस्कृति, हमारी भक्ति आने वाली पीढियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।

– अजय एहसास

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युवा कवि और लेखक, अजय एहसास उत्तर प्रदेश राज्य के अम्बेडकर नगर जिले के ग्रामीण क्षेत्र सलेमपुर से संबंधित हैं। यहाँ एक छोटे से गांव में इनका जन्म हुआ, इनकी इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा इनके गृह जनपद के विद्यालयों में हुई तत्पश्चात् साकेत महाविद्यालय अयोध्या फैजाबाद से इन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बचपन से साहित्य में रुचि रखने के कारण स्नातक की पढ़ाई के बाद इन्होंने ढेर सारी साहित्यिक रचनाएँ की जो तमाम पत्र पत्रिकाओं और बेब पोर्टलो पर प्रकाशित हुई। इनकी रचनाएँ बहुत ही सरल और साहित्यिक होती है। इनकी रचनाएँ श्रृंगार, करुण, वीर रस से ओतप्रोत होने के साथ ही प्रेरणादायी एवं सामाजिक सरोकार रखने वाली भी होती है। रचनाओं में हिन्दी और उर्दू भाषा के मिले जुले शब्दों का प्रयोग करते हैं।‘एहसास’ उपनाम से रचना करते है।
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