छात्र-छात्राओं ने जाना वन्य प्राणियों, जंगल व पर्यावरण का महत्व
सीधी। ईको पर्यटन विकास बोर्ड, भोपाल के आदेशानुसार व वनमंडल अधिकारी सीधी, क्षितिज कुमार के कुशल निर्देशन में 21 मार्च को वन परिक्षेत्र सीधी अन्तर्गत गांधीग्राम वनधन केंद्र द्वारा समीप महाविद्यालयीन छात्रों को प्रकृति से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने हेतु अनुभूति “मैं भी बाघ” के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमे कमला स्मृति महाविद्यालय सीधी से 63 छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर अरविन्द कुमार पटेल (वन विभाग) द्वारा कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा बताई गई, साथ ही “अनुभूति किट” का वितरण किया गया। किट में मौजूद अनुभूति बुक अध्ययन पश्चात छात्रों के मध्य प्रश्नोत्तरी एवं “मैं भी बाघ” थीम पर विचार संगोष्ठी अयोजित हुई।
प्रकृति भ्रमण हेतु प्रशिक्षण स्थल से वन की ओर लगभग 2 किलोमीटर के पहाड़ी रास्तों पर चलकर “प्रो प्लैनेट पीपल”, एवं “मिशन मेरी लाइफ” पर विचारों का आदान प्रदान साथ ही संवहनीय जीवन शैली को अपनाने के टूल्स पर वृहद चर्चा हुई।
पेंडो की पहचान, उपयोगिता, महत्व, औषधीय वनोपज एवं पेंडो के प्रति उत्तरदायित्व, जंगल मे गिरे पड़े पत्तो पेंडो का महत्व बताया गया। वन्य प्राणियों में आने वाले जीवों की ईको सिस्टम में अनिवार्यता एवँ महत्व, संरक्षण के प्रति उत्तरदायित्व, झरनो, नदियों का महत्व एवं सतत वहाब में पेड़ों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। जलीय जीवों की पहचान, अनिवार्यता एवँ रेत में रहवाश साथ ही विभागीय रेत संरक्षण के कारण, छात्रों की जिज्ञासा पूर्ण प्रश्न निवारण किये गए। उदाहरण स्वरूप मगरमच्छ एवँ प्लोवर पक्षी की दोस्ती, कठ खोड़वा एवँ दीमक के आपसी संबंध एवं ऐसे छोटे छोटे जीवो के आपसी संबंध में कहानियां एवँ जीवों की पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाये रखने में भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
प्रकृति भ्रमण से वापस आने के पश्चात वृक्षारोपण कराया गया एवं भोजन विश्राम दिया गया। भोजन उपरांत प्रशक्षण विषयों पर आधारित प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसके अंतर्गत संस्कृति, चित्रकला एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगितायें अयोजित हुईं। चयनित अभ्यर्थियों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। अंत मे “जैवविविधता संरक्षण शपथ” के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम के दौरान विभागीय अधिकारी वन परिक्षेत्राधिकारी रवींद्रनाथ तिवारी सहित अन्य कर्मचारी एवं कमला स्मृति महाविद्यालय से सहा. प्राध्यापक डॉ निशार अहमद नूरी, रावेंद्र यादव, मंगलेश्वर गुप्ता एवं धर्मेन्द्र द्विवेदी माजूद रहे।
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