तू तो मुझको याद है चाहें,
मेरी याद तुझे ना आए
इतना सदा याद रखना कि
तुझ बिन कुछ भी ना भाये।
बरसातें ये रिमझिम रिमझिम
कतरा कतरा यादें हैं
बारिश की बूंदों सी टिप टिप
आंख से गिरते वादे हैं
थोड़ा भी ना बदल सके हम
आज भी कितने सादे हैं
ईमान के पक्के थे जैसे हम
वैसे नेक इरादे हैं
आंखों की बरसात देखकर
बरसातें भी थम जाएं
इतना सदा याद रखना कि
तुझ बिन कुछ भी ना भाये।
दुनिया मुझको बुला रही
पर गया नहीं कुछ भी पाने
खैरातों में मिला बहुत कुछ
गया नहीं कुछ भी लाने
मैंने तुझको अपना माना
तू माने या ना माने
मैंने मेरे दिल की कह दी
तेरे दिल की तू जाने
देख उतरकर दिल में मेरे
ख्वाब ये कैसे सज जाये
इतना सदा याद रखना कि
तुझ बिन कुछ भी ना भाये।
पानी में पानी मिले जैसे
ऐसे हमको घुला दिया
बात किए बिन नींद ना आती
कैसे हमको भुला दिया
आंख में अपने आंसू लाकर
तूने हमको रुला दिया
बिस्तर पर जाते थे जब
ख्वाबों में आकर सुला दिया
इसको रखना बहुत संभलकर
ये मोती ना बह जाए
इतना सदा याद रखना कि
तुझ बिन कुछ भी ना भाये।
छोड़ दे दुनिया की बातें
ये दुनिया तो हरजाई है
अपने भी तो साथ छोड़ते
काम ये किसके आई है
प्यार खुशी से रहते देख कर
दुनिया बहुत सताई है
पर ना कभी तू रोना दुनिया
किसको भला हंसाई है
तेरे हंसकर देखने से बस
दिल की वादी खिल जाए
इतना सदा याद रखना कि
तुझ बिन कुछ भी ना भाये।
नए पुराने और अनजाने
लोग यूं मिलते जाते हैं
खट्टी मीठी अच्छी सच्ची
बात बताते जाते हैं
गुस्से में हम कह के बहुत कुछ
देखो कितना सताते हैं
कंधे पर सर रखकर उसका
गर रूठे तो मनाते हैं
हुई अगर जो कोई खता तो
हमको माफी मिल जाए
इतना सदा याद रखना कि
तुझ बिन कुछ भी ना भाये।
आज तू मुझसे वादा कर ले
आंखें तेरी नम ना हो
मैं तुझसे तू मुझसे कहना
बस सच, कोई कसम ना हो
आओ खुलकर हंस कर जी लें
कल तुम हो पर हम ना हो
करना सदा ‘एहसास’
हमारा प्यार कभी कम ना हो
दुआ सदा करते रब से
तेरे जीवन में खुशियां आयें
इतना सदा याद रखना कि
तुझ बिन कुछ भी ना भाये।
-अजय एहसास
अंबेडकर नगर (उत्तर प्रदेश)