अगर नई शिक्षा नीति का उचित कार्यन्वयन हुआ तो हम व्यापक उद्देश्यों को प्राप्त कर पाएंगे- दयानिधि
सीधी। शब्दरंग न्यूज डेस्क
स्थानीय कमला स्मृति महाविद्यालय के सभागार में भारतीय शिक्षण मंडल के बैनर तले राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विचार संगोष्ठी आयोजित हुई। संगोष्ठी में मुख्य रूप से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से चर्चा हुई साथ ही नई भारतीय शिक्षा नीति विषय पर वक्ताओं विशेष व्याख्यान दिया।
संगोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन और दीपार्चन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि व मुख्यवक्ता दयानिधि प्रांत संगठन मंत्री भारतीय शिक्षण मंडल, विशिष्ठ वक्ता रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के प्रोफेसर नीलकंठ पेंडसे, श्री गणेश ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस के निदेशक अरुण ओझा, प्रचार प्रमुख प्रांत मंत्री (संभाग रीवा और शहडोल) के विषय प्रवर्तन डॉ. कमलेश गौतम प्राध्यापक अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, जिला सीधी इकाई से संयोजक गरुण गुप्ता और सह-संयोजक संजय श्रीवास्तव की गरिमामय उपस्थिति में शिक्षा जगत की प्रसिद्ध हस्तियों के बीच नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अत्यंत सकारात्मक वातावरण में व्यापक विचार विमर्श हुआ।
मुख्यवक्ता दयानिधि जी ने समाज पोषित शिक्षा कैसे तैयार की जाए तथा सीधी का छात्र कैसे बड़े क्षेत्रों में कार्य कर सके साथ ही सीधी में शोध केंद्र स्थापित करने को लेकर उन्होंने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि पुराने शिक्षा नीति में व्यापक कमियां थी जिसे दूर करने का प्रयास नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किया गया है। अगर नई शिक्षा नीति का उचित कार्यन्वयन हुआ तो इस नीति के व्यापक उद्देश्यों को हम प्राप्त कर पाएंगे। प्रोफेसर नीलकंठ ने बोधगम शिक्षा कैसे तैयार कर सकते है, कमला कॉलेज में शोध केंदित वातावरण कैसे तैयार कर सकते है। साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति के अन्य तकनीकी पहलुओं को भी बताया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे श्री गणेश ग्रुप के निदेशक अरुण ओझा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा की दशा और दिशा मंग अमूल चूल परिवर्तन होंगे। विशेषकर इस नीति के माध्यम से शिक्षक और छात्रों के बीच फिर से आत्मीय संबंध स्थापित होगा। कार्यक्रम का संचालन संगोष्ठी के संयोजक गरुण गुप्ता और सह संयोजक संजय श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम का समापन करते हुए संस्था के निदेशक अरुण ओझा ने आभार ज्ञापन दिया। इस मौके पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण और विद्यार्थी उपस्थित रहे।