सीधी, 07 फरवरी । शब्दरंग न्यूज़ डेस्क
संजय टाईगर रिजर्व सीधी के बंधाडोल इलाके में जंगली हाथियों के पहुंचने से दर्जनों गांवों में दहशत फैली हुई है। करीब एक सप्ताह से जंगली हाथियों का झुंड यहां स्वच्छंद विचरण कर रहा है। बंधाडोल के चिरचिरी खोह आरएफ काम्पार्टमेंट 324 में हाथियों का झुंड मौजूद है। जंगली हाथियों की दहशत के चलते यहां के ग्रामीण रात को भी जागते हुए पहरेदारी कर रहे हैं।
दरअसल जंगली हाथियों का झुंड आसपास के वन ग्रामों में रात में भोजन की तलाश में निकलता है। उस दौरान ग्रामीणों के घरों के अंदर होने के कारण जंगली हाथी खाद्य सामग्रियों की तलाश में घर को भी गिराना शुरू कर देते हैं। जंगली हाथियों का यह तांडव संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में हर वर्ष देखने को मिल रहा है।
जंगली हाथियों का झुंड छत्तीसगढ़ कोरीडोर के रास्ते संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में दाखिल होता है। इसके बाद जंगली हाथी भोजन की तलाश में आसपास के वन ग्रामों को भी निशाना बनाना शुरू कर देते हैं। जंगली हाथियों का झुंड दिन में तो वन क्षेत्र के अंदर ही धमाचौकड़ी मचाता है लेकिन रात में वह कई बार रिहायसी क्षेत्रों की ओर भी निकलते हैं। अभी जंगली हाथियों के झुंड के आने के बाद एक सरकारी स्कूल भवन को निशाना बनाया जा चुका है। इसके बाद से संजय टाईगर रिजर्व अमले के एलर्ट होते ही जंगली हाथियों का झुंड रिहायसी क्षेत्रों की ओर नहीं आ पा रहा है।
वन अमला जंगली हाथियों के झुंड पर नजर रखे हुए है। जिसके चलते अभी उन्हे रिहायसी क्षेत्रों में आने का अवसर नहीं मिल पाया है। जंगली हाथियों से होने वाली तबाही को रोकने के लिए संजय टाईगर रिजर्व अमले के साथ ही खंड स्तरीय प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है। बताया गया है कि बंधाडोल के चिरचिरी खोह आरएफ कम्पार्टमेंट 324 में मौजूद जंगली हाथियों के झुंड में 6 से 7 हाथी मौजूद हैं। यहां के ग्रामीणों द्वारा भी अपने स्तर से जंगली हाथियों से होने वाली तबाही को रोकने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। लोग दिन में भी हाथियों से सतर्क रहते हैं साथ ही शाम ढ़लने के बाद से यह सतर्कता और भी बढ़ जाती है।
संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र के वन ग्रामों में ग्रामीणों द्वारा व्यवस्था बनाई गई है कि यदि जंगली हाथियों का झुंड गांव की ओर आता है तो देखने वाले ग्रामीण तेज आवाज करते हुए अन्य लोगों को भी सतर्क कर दें। जिससे लोग जंगली हाथियों के झुंड से अपने घरों एवं सामानों के साथ ही स्वयं को भी सुरक्षित कर सकें। जंगली हाथियों के मूवमेंट पर संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र का अमला पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं। इसके लिए वन कर्मियों की ड्यूटी भी जगह-जगह लगाई गई है। जो कि दूर से ही जंगली हाथियों पर नजर रखे हुए हैं। साथ ही यह भी प्रयास कर रहे हैं कि जंगली हाथियों का झुंड वन ग्रामों की ओर आने की वजाय जंगल में ही दूसरी ओर चला जाये। ऐसा माना जा रहा है कि कई दिनों से बंधाडोल में डेरा डालने वाला जंगली हाथियों का झुंड छत्तीसगढ़ की ओर से अन्य जंगली हाथियों के झुंड के आने का इंतजार कर रहा है। इस वजह से लोगों की परेशानी और भी बनी हुई है।
जंगली हाथियों का झुंड संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में कुछ महीने पहले भी आया था। उस दौरान कई घरों को तबाह कर दिया गया था। साथ ही दो लोगों की मौत भी हुई थी। इस बार जंगली हाथियों को लेकर संजय टाईगर रिजर्व के अधिकारी भी पूरी तरह से सजग हैं। उनके द्वारा वन क्षेत्र की सीमा के समीप स्थित वन ग्राम के लोगों से सतर्क रहने की अपील की जा रही है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार प्रशासन पूरी तरह से एलर्ट है। विभाग द्वारा आसपास के वन ग्रामों को लगातार सूचना उपलब्ध करा रहा है जिससे लोग जंगली हाथियों के झुंड की मौजूदगी को लेकर पूरी तरह से चौकन्ना रहे। उधर ग्रामीण जंगली हाथियों की तबाही से बचने के लिए खुद भी निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन की टीम जंगली हाथियों के मूवमेंट की लगातार सर्चिंग कर रही है। ये प्रयास भी किया जा रहा है कि जंगली हाथी यहां से घने जंगलों की ओर कूच कर जाये।
छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर संजय टाईगर रिजर्व सीधी के बंधाडोल बीट में पहुंचा हाथियों का झुंड अपना मूवमेंट एक ही स्थान पर बनाए हुए है। ग्रामीणों के अनुसार मंगलवार की सुबह हाथियों के झुंड द्वारा घघरा में विद्यालय भवन को ध्वस्त कर धार कुदरा के जंगलों में विचरण करते हुए मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर यहां पहुंचा था। जंगली हाथियों के मूवमेंट पर संजय टाईगर रिजर्व की ट्रैकिंग टीम की पैनी नजर बनी हुई है। साथ ही यह भी प्रयास किया जा रहा है कि हाथियों के झुंड को घने जंगल की ओर जाने के लिए मजबूर किया जाय। जंगली हाथियों को भी ट्रैकिंग होने की आभास हो चुका है इस वजह से वह सीमावर्ती वन ग्रामों की ओर आने के लिए मौके की तलाश में हैं। ट्रैकिंग टीम द्वारा विभिन्न उपायों से जंगली हाथियों को वन ग्रामों की ओर आने से रोका जा रहा है। खुद को घिरा महसूस कर जंगली हाथी भी अभी बंधाडोल बीट में ही डेरा जमाए हुए हैं।