प्रयागराज। शब्दरंग न्यूज डेस्क
सोमवार को युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा 7 अगस्त को आयोजित टीजीटी परीक्षा में पेपर लीक, धांधली की हाईकोर्ट की निगरानी में समयबद्ध सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने पत्र में प्रमुख रूप से बताया है कि हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में योजित रिट संख्या 16037(S/S)/2021 में टीजीटी-पीजीटी परीक्षाओं में नकल व धांधली रोकने के पारित आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए पेपर लीक व अभूतपूर्व धांधली को अंजाम दिया गया है।
दरअसल मंडल मुख्यालय के बजाय जिला मुख्यालय में निर्धारित मानकों को ताक पर रखकर नियमविरुद्ध परीक्षा केंद्र बनाने के मामले को युवा मंच से जुड़े छात्रों द्वारा मा. हाईकोर्ट में दाखिल रिट में परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी लगाने से लेकर नकल व धांधली रोकने के पुख्ता इंतजाम करने के कड़े आदेश जारी किए थे। लेकिन इस आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए प्रदेश भर के सैकड़ों स्कूलों में खासकर तब मानक के विपरीत बनाये गये परीक्षा केंद्रों में बड़े पैमाने पर धांधली व नकल हुई।
अंबेडकर नगर के किसान इंटरमीडिएट कालेज में प्रश्न पत्रों का बंडल खुला पाये जाने पर पेपर लीक के आरोप में हुए हंगामे के बाद 600 छात्रों द्वारा परीक्षा का बहिष्कार किया गया। इसके उपरांत अंबेडकर नगर के जिलाधिकारी द्वारा टीजीटी परीक्षा की पुनर्परीक्षा कराने की संस्तुति भी की गई है। उन्होंने कहा कि टीजीटी परीक्षा में न सिर्फ अभूतपूर्व धांधली व पेपर लीक किया गया बल्कि हाईकोर्ट के आदेशों का भी घोर उल्लंघन किया गया।
ऐसे में प्रेषित पत्र के माध्यम से युवा मंच ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि भ्रष्टाचार, पेपर लीक व धांधली के इस मामले की हाईकोर्ट की निगरानी में समयबद्ध सीबीआई जांच कराई जाये और जांच रिपोर्ट की संस्तुति के तदनुरूप दोषियों को सजा दिलाने और पुनर्परीक्षा आदि के संबंध में निर्णय लिया जाये। उन्होंने बताया कि युवा मंच द्वारा संचालित रोजगार आंदोलन में टीजीटी परीक्षा में धांधली व पेपर लीक के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया जायेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर पेपर लीक व धांधली को रोकने के पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया तो भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का कोई मतलब नहीं रह जायेगा।