अंबेडकरनगर । शब्दरंग न्यूज़ डेस्क
कोरोना काल में केंद्रीय चुनाव आयोग ने संक्रमण को देखते हुए रैली, रोड शो और नुक्कड़ सभाओं पर रोक लगा दी है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने भी मतदाताओं को साधने के लिए प्रचार का स्वरूप बदल दिया है। अब गांव-गांव वर्चुअल बैठक कर रणनीति तैयार की जा रही है। इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब, फेसबुक, वाट्सएप, फोन काल आदि इसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके लिए विधानसभा सीट पर क्षेत्रवार पार्टियों ने पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। हालांकि अभी तक बसपा को छोड़ किसी भी दल ने प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन चुनाव में जीत का गुणा गणित तेज हो गया है। भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस नेतृत्व मतदाताओं से सीधे संपर्क एवं वर्चुअल माध्यम से लुभाने की रणनीति बना रहा है। पार्टी पदाधिकारी गांव-गांव कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल बैठक कर विचार-विमर्श करेंगे। मंडल, सेक्टर बूथ व पन्ना प्रमुख मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं।
“भाजपा जिलाध्यक्ष डा. मिथिलेश त्रिपाठी ने बताया कि सोशल सेक्टर में भाजपा का सबसे मजबूत ढांचा है। हम गांवों में आचार संहिता का पालन करते हुए मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाएंगे। उन्होंने बताया कि मंडल अध्यक्ष, सेक्टर संयोजक, सेक्टर प्रभारी, बूथ अध्यक्ष, पन्ना प्रमुख के साथ आइटी सेल प्रमुख भूमिका निभाएगा।”
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राम शकल यादव ने बताया कि जिला पदाधिकारियों के साथ हर विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष, ब्लाक अध्यक्ष, न्याय पंचायत अध्यक्ष, बूथ प्रभारी इसमें अपना योगदान देंगे। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अमित वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया प्रभारी, ब्लाक अध्यक्ष, न्याय पंचायत अध्यक्ष, ग्राम पंचायत अध्यक्ष व बूथ अध्यक्ष को जिम्मेदारी दी गई है। बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष अरविद गौतम ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष, मुख्य सेक्टर प्रभारी प्रमुख रूप से इसमें शामिल होंगे। साथ ही पांच लोग घर-घर भ्रमण करेंगे।