भदोही की पहचान सिर्फ कालीन नहीं, साहित्य और संस्कृत भी है

प्रभुनाथ शुक्ल
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माटी के लाल कोनिया निवासी पं.रामयत्न शुक्ल को मिला पद्मश्री सम्मान

डा. कपिलदेव द्विवेदी को भी मिल चुका है पद्मश्री सम्मान

भदोही, 10 नवम्बर । शब्दरंग न्यूज डेस्क

दुनिया में भदोही जनपद का नाम सिर्फ मखमली कालीन के लिए ही नहीं जाना जाता है। वल्कि यहां के लोग साहित्य, संस्कृत और कला
के लिए भी जाने जाते हैं। जनपद के इतिहास में एक और सम्मान जुड़ गया है जब काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष महामहोपाध्याय प्रोफेसर पं.रामयत्न शुक्ल को भारत के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद की तरफ से पद्मश्री सम्मान मिला है।

जनपद भदोही के डीघ ब्लाक के तुलसीकला गजाधरपुर निवासी संस्कृत एवं वेदांत दर्शन के उद्भट विद्वान एवं काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष महामहोपाध्याय प्रोफेसर पं.रामयत्न शुक्ल को भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री मिला है। यह सम्मान उन्हें संस्कृत शिक्षा के प्रसार और विकास के लिए दिया गया है। इसके पूर्व भी संस्कृत के विद्वान डा. कपिलदेव द्विवेदी को भी पद्मश्री सम्मान मिल चुका है।

पं.रामयत्न शुक्ल को पद्मश्री मिलने पर सिकरहा निवासी काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पं. सतीष मिश्र, डा.अभिषेक पाण्डेय, लोकतंत्र सेनानी कृपा शंकर पाण्डेय, राजेंद्र मिश्र शंकराचारी, वृजेश पाण्डेय, अष्टभुजा पाण्डेय, शिव सागर गुप्ता ने हर्ष जाताया है।

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लेखक वरिष्ठ पत्रकार, कवि और स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। आपके लेख देश के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित होते हैं। हिंदुस्तान, जनसंदेश टाइम्स और स्वतंत्र भारत अख़बार में बतौर ब्यूरो कार्यानुभव।
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