गिरीश पंकज
हमारे प्रधानमंत्री नेपाल गए और वहां उन्होंने कहा, “नेपाल के बिना राम अधूरे हैं।” उनके इस बयान से अनेक रामभक्त बड़े आहत हुए।
उनका मानना है कि राम के बिना लोग तो अधूरे हो सकते हैं, लेकिन राम नहीं कदापि नहीं। राम अपने आप में सम्पूर्ण हैं। वे किसी देश या व्यक्ति के मोहताज नहीं कि उनके बिना वे अधूरे लगें। वैसे मोदीजी के बोलने का अभिप्राय यह रहा होगा कि माता सीता जनकपुर (नेपाल) की पुत्री थी, जिनका विवाह भगवान श्रीराम के साथ हुआ।
सीता के बिना राम सचमुच अधूरे हैं इसीलिए तो हम कहते हैं “सिया राममय सब जग जानी “। राम के पहले सीता का नाम आता है । इस दृष्टि से प्रधानमंत्री के कथन को देखें तो बात ठीक है लेकिन यह कहना कि नेपाल के बिना राम अधूरे हैं, अतिरंजित बात है। अगर वह यह कहते कि राम के बिना नेपाल अधूरा है, तो अधिक उचित होता।