- प्रशासन की उपेक्षापूर्ण रूप से खफा हैं व्यवसायी
सीधी, 02 फरवरी । शब्दरंग न्यूज़ डेस्क
जिला मुख्यालय में फल एवं सब्जी के थोक विक्रेताओं को जिला प्रशासन द्वारा फुटबॉल की बतौर बार-बार यहां से वहां भगाए जाने के कारण इन विक्रेताओं द्वारा लगातार जिला प्रशासन से मांग का दौर जारी था। इन विक्रेताओं के संघ ने जिला व्यापारी संघ के साथ मिलकर कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा तथा उससे गुजारिश मिन्नते भी कीं परंतु जिला प्रशासन के बेहद लापरवाह रुख के चलते अब बात बिगड़ चुकी है और फल एवं सब्जी विक्रेता अपनी-अपनी मंडियां बंद करके सड़क पर आ चुके हैं।
जिला मुख्यालय में कारोबार संचालित करने के लिए व्यवस्थित सुविधाएं न मिलने के विरोध में सब्जी-फल मंडी एसोसिएशन सीधी के आह्वान पर अनिश्चितकाल के लिए सब्जी-फल का कारोबार कल से बंद कर दिया गया है। कारोबार बंद करने से पूर्व कई बार संघ के पदाधिकारियों द्वारा कलेक्टर एवं नगर पालिका परिषद सीधी के सीएमओ को ज्ञापन भी सौपा गया था। अंतिम बार 18 फरवरी को ज्ञापन सौपकर संघ द्वारा कहा गया था कि यदि 3 दिवस में थोक व्यवसाय के लिए निश्चित वाईपास मार्ग के किनारे आवश्यक सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गईं तो अनिश्चितकाल के लिए कारोबार बंद कर दिया जाएगा। सब्जी-फल व्यापारियों के उक्त अल्टीमेटम के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से कोई भी आवश्यक सुविधाएं वाईपास मार्ग में निर्धारित थोक मंडी में उपलब्ध कराने की जरूरत नहीं समझी गई। लिहाजा व्यापारियों द्वारा आवश्यक बैठक करके अनिश्चितकाल के लिए व्यवसाय बंद करने का निर्णय लिया गया है।
चर्चा के दौरान सब्जी एवं फल के व्यवसायियों ने बताया कि जबसे कोरोना काल लगा है उन्हे शहर के अंदर चार बार विस्थापित किया जा चुका है। सबसे पहले पुरानी सब्जी मंडी संजीवनी पालिका बाजार से थोक कारोबारियों को गांधी चौराहा स्थित पार्किंग स्टैंड में भेजा गया फिर अचानक छत्रसाल स्टेडियम में भेजा गया। जब वहां व्यवसायी अपना कारोबार करने लगे तो रातोंरात आदेश जारी कर सम्राट चौराहा स्थित पार्किंग स्टैण्ड में भेज दिया गया।
यहां तीन दिवस व्यवसाय किया गया कि फिर से थोक कारोबारियों को संजय गांधी महाविद्यालय के खेल मैदान में भेज दिया गया। यहां करीब 18 महीने तक कारोबारी वर्षा, तेज धूप, भीषण सर्दी, धूल व गंदगी के बीच अपना व्यापार संचालित कर रहे थे। यहां तक की इस स्थान में कीचड़ में कई बार लोगों के साथ हादसे भी हुए। सब्जी, फल एसोसिएशन के कई सदस्य भी कीचड़ की चपेट में आकर घायल हुए।
यहां हो रही असुविधाओं को लेकर मीडिया में भी कई बार खबरे प्रकाशित हुई साथ ही व्यापारी संघ की ओर से भी कलेक्टर, एसडीएम, नगर पालिका सीएमओ को कई बार ज्ञापन सौंपे गए। हर बार थोक फल एवं सब्जी व्यापारियों को जल्द कार्यवाही सुनिश्चित कराने का आश्वासन ही मिलता रहा। इसके बाद प्रशासन की ओर से फल एवं सब्जी के थोक व्यापारियों को कारोबार संचालित करने के लिए मड़रिया वाईपास मार्ग के किनारे स्थाई रूप से जगह का आवंटन कर दिया गया। लेकिन यहां पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत नहीं समझी गई। सुविधा के नाम पर यहां केवल एक हैंडप प एवं एक शौंचालय की व्यवस्था बनाई गई।
व्यवसायियों का कहना है कि जहां पर वर्तमान में थोक कारोबारियों के लिए व्यवस्था बनाई गई है वहां एक छोर में हैण्डपंप है तो दूसरे छोर में शौंचालय बना है। ऐसे में पानी को लेकर यहां भारी संकट बना है। थोक सब्जी मंडी में कम से कम तीन-चार हजार लोगों की आवाजाही रोजाना होती है। फिर भी यहां मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। मौसम की मार झेलते हुए भी व्यवसायी कई महीने तक यहां व्यवसाय करने के लिए मजबूर रहे।
जहां थोक सब्जी मंडी संचालन की अनुमति दी गई है वहां पर सबसे बड़ी समस्या छांव की कोई सुविधा न होना है। जिसके चलते व्यवसायियों को खुले आसमान के नीचे ही अपना कारोबार करना पड़ रहा था। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी कुछ भी इंतजाम नहीं किए गए थे। लिहाजा असामाजिक तत्वों द्वारा भी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था। यहां सुरक्षा को लेकर भी व्यवसायियों में काफी दहशत की स्थिति निर्मित थी। सब्जी-फल के व्यापार में करीब 100 थोक व्यापारी हैं वहीं सैकड़ों फुटकर व्यापारी भी शामिल हैं।
फल एवं सब्जी व्यापारियों द्वारा हड़ताल पर चले जाने के कारण शहर एवं मुख्यालय से लगे आसपास के इलाकों में इनके दामों में तेजी का दौर दिखने लगा है।