अंबेडकरनगर। शब्दरंग न्यूज़ डेस्क
सामूहिक दुष्कर्म मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट आशीष वर्मा ने तीन अभियुक्तों को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्तों पर 40-40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। आदेश में कहा गया कि पॉक्सो एक्ट के तहत लगाए गए अर्थदंड की पूरी राशि पीड़िता को प्रदान की जाए।
मामला अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2012 का है। कोतवाली में दर्ज कराए केस में वादी ने कहा कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री के साथ गांव के बाहर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पुलिस ने मामले में विवेचना के बाद गांव के ही पुनील, निन्कू व आश्राराम के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इनमें से निन्कू व आज्ञाराम को जमानत मिल गई, जबकि मुख्य अभियुक्त पुनील की जमानत मंजूर नहीं हुई। इस बीच यह मामला सत्र परीक्षण के लिए पेश हुआ।
अभियुक्तों की तरफ से अधिवक्ता ने कहा कि मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं है, जबकि विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो रामकृष्ण पांडेय डबलर ने मेडिकल रिपोर्ट व पीड़िता के बयान आदि तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कठोरतम निर्णय लिया जाना चाहिए।विशेष न्यायाधीश पॉक्सो आशीष वर्मा ने सुनवाई के बाद तीनों अभियुक्तों को सामूहिक दुष्कर्म व लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी पाया। तीनों को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
आदेश में कहा गया कि अर्थदंड की इस रकम का पूरा भुगतान पीड़िता को कर दिया जाए। विशेष न्यायाधीश ने अन्य अपराधों में भी सजा सुनाते हुए 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। आदेश में कहा गया कि जेल में अब तक बिताई गई अवधि को सजा में शामिल माना जाएगा। इससे पहले रिहा चल रहे दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया, जहां से उन्हें बाद में जेल भेज दिया गया।