पढ़ो लिखो तुम वीर बनों,
दुश्मन के लिए तुम तीर बनो
फौजी भी अगर तुम बन जाओ
दुश्मन से भी तुम लड़ जाओ
और कहीं अगर बाधा आये
तो हम भी साथ में भिड़ जायें
है तुम्हें बनाना देश महान
चाहे हो जाओ बलिदान।
आज जरूरत अपने वतन को,
बलिदां कर दे जो तन को
मन मेरा भी करता है
वतन पे मर मिट जाने को
भारत चाह रहा है आज
कलाम दुबारा पाने को
भगत, आज़ाद जैसा बेटा
हमीद दुबारा लाने को।
आज हिमालय बोलता है
और हमसे खुद ये कहता है
बहुत बचाया है तुमको पर
हमको डर अब लगता है।
आओ करें प्रयास स्वयं ही
देश की लाज बचाने को
खतरे में जब भारत अपना
खुद की जान गवाने को।
दुश्मन है तैयार अभी भी
भारत से लड़ जाने को
हम मिलकर ताकत दे अपनी
दुश्मन को धूल चटाने को।।
मो० साहिल (कक्षा- 11)
रामराजी इण्टर कालेज नरायनपुर प्रीतमपुर हीरापुर, अम्बेडकर नगर (उ०प्र०)