सीधी। 28 अप्रैल को स्थानीय कमला स्मृति महाविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उपलक्ष्य में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. के. तिवारी ने किया। साथ ही स्वागत भाषण और वक्ताओं को स्मृति चिह्न और बैच लगाकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के आरम्भ में मांँ सरस्वती और गणेश जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन किया गया। अपने बीज वक्तव्य के माध्यम से कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. तिवारी ने कहा कि हमारे देश में युवाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसलिए आने वाले समय में हमें स्किल्ड युवाओं की आवश्यकता है। इसी को मद्देनजर रखते हुए नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन किया गया, जिससे रोजगार एवं नॉलेजेबल शिक्षा की स्थापना की जा सके एवं हमारी संस्कृति को नई पहचान मिल सके।
आयोजित कार्यशाला के मुख्य वक्ता और विषय विशेषज्ञ कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीधी के डॉ. दिलीप कुमार सोनी रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य के माध्यम से कहा कि भविष्य की पीढ़ियों की बदलती जरूरतों के साथ एनईपी को योग्यता और कौशल आधारित शिक्षा कार्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है। 21वीं सदी के कौशल को मोटे तौर पर सीखने के कौशल साक्षरता और जीवन कौशल में वर्गीकृत किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तृत चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 1 वर्ष में सर्टिफिकेट कोर्स, 2 वर्ष में डिप्लोमा, 3 वर्ष में डिग्री और 4 वर्ष में शोध परक डिग्री दी जाएगी। मेजर/माइनर के साथ ही एनईपी के द्वारा सह शैक्षणिक विषय के अंतर्गत पर्यावरण अध्ययन, वैदिक अध्ययन, भगवत गीता, वैदिक गणित, मेडिटेशन, इंडियन ट्रेडिशनल सिस्टम और विवेकानंद आदि विषय पर शिक्षा दी जायेगी।
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कार्यशाला में दूसरे वक्ता के रूप में प्रोफेसर उमाकांत साहू संजय गांधी महाविद्यालय सीधी रहे। उन्होंने कार्यशाला में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा, कि वर्तमान डिजिटल युग में हमें डिजिटलाइजेशन पर ज्यादा ध्यान देना है। आज के युग में इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग छात्रों और महाविद्यालय के लिए आवश्यक है। वहीं पेपरलेस वर्ककल्चर को अमल में लाने की भी आवश्यकता है। इससे काम तीव्रता से होते हैं और सिस्टम में कोई रूकावट नहीं आती। कार्यशाला में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा की गई और आ रही समस्याओं पर सवाल जवाब किए गए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्राध्यापकों और बच्चों का आभार महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी एच.एस. पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में मंच संचालन पी.एन. सिंह ने किया। कार्यक्रम के संयोजक मंगलेश्वर गुप्ता रहे। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, कर्मचारी और छात्र एवं छात्राएँ उपस्थित रहे।