सीधी। शब्दरंग
World Sickle Cell Day : सिकल सेल एनीमिया वंशानुगत रक्त विकार के रोग का एक रूप है इसमें लाल रक्त कोशिकाओं का आकार बदल जाता है जो रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करती हैं। शुरूआती पहचान और नए उपचारों की बदौलत सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित लगभग आधे लोगों का जीवन बचाया जाना संभव हो पाया है।
यह बीमारी पीड़ित लोगों को उनके जैविक माता-पिता से विरासत में मिलती है। इसमें सामान्य लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करने वाला जीन बदल जाता है। जिन लोगों को दोनों जैविक माता-पिता से यह जीन विरासत में मिलता है उनमें सिकल सेल एनीमिया होता है जिन लोगों को एक जैविक माता-पिता से यह जीन विरासत में मिलता है उनमें सिकल सेल विशेषता होती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आई जे गुप्ता ने बताया कि कल 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस (World Sickle Cell Day) के अवसर पर महामहिम उपराष्ट्रपति तथा राज्यपाल महोदय का कार्यक्रम डिंडोरी जिले में आयोजित किया जा रहा है। जिसका लाइव प्रसारण किए जाने के निर्देश शासन द्वारा प्राप्त हुए हैं।
इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए सुबह 10 बजे से संजय गांधी कॉलेज के अटल ऑडिटोरियम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं जनमानस को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम स्थल पर ही सिकल सेल एनीमिया की जांच तथा मेडिकल बोर्ड के द्वारा प्रमाण पत्र भी बनाए जाएंगे।
Read More : EVM Row : राहुल गांधी ने वोटिंग मशीन पर एलन मस्क के पोस्ट का समर्थन किया, कहा भारत में ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है
डॉ. गुप्ता ने यह भी बताया कि लोगो में सिकल सेल रोग या एनीमिया के बिना भी सिकल सिकल सेल विशेषता हो सकती है, रक्त परीक्षण करवा कर ही सिकल सेल एनीमिया का पता लगाया जा सकता है।
प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं जो आकार में गोल, नर्म और लचीली होती हैं | यह लाल रक्त कोशिकाएं जब स्वयं के आकार से भी सूक्ष्म धमनियों में से प्रवाह करती हैं तब वह अंडाकार आकार की हो जाती है | सूक्ष्म धमनियों से बाहर निकलने के पश्चात कोशिकाओं के लचीलेपन के कारण वे पुनः अपना मूल स्वरूप ले लेती हैं |
सिकल सेल अनुपात क्या है?
लाल रक्त कोशिकाओं का लाल रंग उसमे रहने वाले हीमोग्लोबिन नामक तत्व के कारण होता है | स्वस्थ रक्तकण में हीमोग्लोबिन नॉर्मल अर्थात सामान्य प्रकार का होता है | हीमोग्लोबिन का आकार सामान्य के बदले असामान्य भी देखने को मिलता है | जब लाल रक्त कोशिकाओं में इस प्रकार का बदलाव होता है तब लाल रक्त कोशिकाएं जो सामान्य रूप से आकार में गोल तथा लचीली होती हैं यह गुण परिवर्तित कर अर्ध गोलाकार एवं सख्त/कड़क हो जाता है जिसे सिकल सेल कहा जाता है (लेटिन भाषा में सिकल का अर्थ हंसिया होता है) |
यह धमनियों में अवरोध उत्पन्न करती हैं जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन व खून की कमी होने लगती है इसलिए इसे सिकल सेल एनीमिया कहा जाता है| लाल रक्त कोशिकाओं का यह विकार हमारे अंदर रहने वाले जीन की विकृति के कारण होता है | जब लाल रक्त कोशिकाओं में इस प्रकार का विकार पैदा होता है तब व्यक्ति के शरीर में अलग-अलग प्रकार की शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं जैसे कि हाथ पैरों में दर्द होना, कमर के जोड़ों में दर्द होना, अस्थिरोग, बार- बार पीलिया होना, लीवर पर सूजन आना, मूत्राशय में रूकावट/दर्द होना, पित्ताशय में पथरी होना | जब किसी भी व्यक्ति को यह समस्याएँ होने लगें तो उसे रक्त की सिकल सेल एनीमिया के लिए जांच करवाना आवश्यक होता है|