सफलता के लिये टाइम मैनेजमेंट बहुत है आवश्यक
(राजकपूर चितेरा ) हौसले बुलंद हो तो हर राह आसान हो जाती है। राहों के पत्थर भी आपके लिए रास्ते बनाने लगते हैं। विगत दिनों सीबीएसई द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में जिले के श्री गणेश सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पड़रा की कक्षा 12 की छात्रा विधि केसरी ने अपनी मंजिल को मुश्किलों से विचलित हुए बिना अपना आत्मविश्वास चरम पर रखकर परीक्षा की तैयारी कर 500 अंकों में से 491 (98.2 फीसदी) अंक प्राप्त किये। उनके शानदार प्रदर्शन ने न केवल उन्हें अपने स्कूल में टॉपर बनाया, बल्कि जिले के शीर्ष उपलब्धि प्राप्त करने वालों में भी शामिल कर दिया। उनकी इस उपलब्धि से परिजन काफी खुश हैं।
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शहर के अमहा निवासी विधि ने अपनी सफलता के लिए नियमित अध्ययन, स्कूल के शिक्षकों, विशेषकर प्राचार्य डॉ. महेंद्र कुमार तिवारी की प्रेरणा के साथ ही अपने माता-पिता और चाचा की हौसला अफजाई को भी बड़ी वजह माना। विधि के पिता रमेश कुमार गुप्ता एक व्यवसायी और मां ममता केसरी ग्रहणी हैं। विधि ने बताया कि पिछले दो वर्षों से उन्होंने मोबाइल को पढ़ाई संबंधित कार्य के अलावा कभी हाथ नहीं लगाया। यही वजह है कि वह सोशल मीडिया से दूर रहकर पूरे मन से पढ़ाई कर पाईं।

आईएएस बनना है सपना
विधि ने कहा कि सही वक्त पर उचित मार्गदर्शन ही सफलता को दिलाता है। मेरे माता पिता ने किसी भी परिस्थिति में हार न मानने की सलाह दी, हमेशा उसकी हिम्मत बढ़ाई। इसके साथ ही गुरूजनों ने भी उसे बेहतर मार्ग दर्शन प्रदान किया। विधि कहा कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाकर अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करना चाहती है।
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सक्सेस मंत्र
- विधि सफलता के लिए स्ट्रेस बिना पढ़ाई को बताती हैं। परीक्षाओं के दौरान तनाव और थकान को दूर करने के लिए वह लगातार न पढ़कर बीच-बीच में म्यूजिक जरूर सुनती थीं।
- उन्होंने प्री-बोर्ड के साथ-साथ पुराने पेपर को भी हल करने पर जोर दिया। साथ ही टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दिया, जो शेड्यूल बनाया उसे फॉलो किया। फेसबुक, मोबाइल और सोशल मीडिया से दूर रहा।
- उनका कहना है कि उन्होंने अधिक पढ़ाई नहीं की बल्कि स्मार्ट स्टडी की जिसका नतीजा उन्हें मिला है। किसी भी विषय में रट्टा नहीं लगाया और समय से पहले ही रिविजन कर लिया था। पढ़ने के समय वह अपने फोन को ऑफ कर देती थी।
- उनका कहना है कि अच्छे नंबर पाने के लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हमने कितने घंटे पढ़ाई की, बल्कि यह मायने रखता है कि हम कितनी देर एकाग्रचित्त होकर किताबों के साथ रहे।
- बताया कि सेल्फ स्टडीज सबसे ज्यादा जरूरी है। विधि ने अन्य स्टूडेंट्स के लिए कहा कि जो भी स्कूल में पढ़ें या फिर ट्यूशन टीचर पढ़ाए, उसे घर पर आकर जरूर पढ़ना चाहिए। इससे रिविजन हो जाता है और फैक्ट्स भी क्लियर हो जाते हैं।
इनकी मेहनत और समर्पण अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत है। सीबीएसई के इस परीक्षा परिणाम ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि लगन और निरंतर प्रयास से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है।