व्यंग्य : मुंगेरीलाल जब बन गईले कैबिनेट मंत्री
मुंगेरीलाल के सपने साकार हो गईल। तीसरा प्रयास यू पॉलिटिक्स के स्कूल…
सियासी खिचड़ी पकाइए और पतंग की पेंच लड़ाइए
मकर संक्रांति पर नत्थन गुरु का मिजाज बदला-बदला दिख रहा है। भगवान…
व्यंग्य : नेताजी ! चिकने गालवाली सड़कों में हैं समुद्री गर्त वाले गड्ढे?
हम अपनी गाँव की सड़क को देखते हैं तो मुझे रोना आता…
व्यंग्य : ठाले में हैं कवि निठ्ठल्लेराम
कुछ चिलमचट्टू, कवि निठ्ठल्लेराम को पद्मश्री के साथ साहित्य का नोवेल पुरस्कार…