राष्ट्र की आत्मा का प्रतीक है वंदे मातरम् : डॉ. महेंद्र
सीधी। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को स्थानीय श्री गणेश सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पड़रा में इसका गायन सामूहिक रूप से किया गया। यह आयोजन 3 एमपी बटालियन रीवा एवं शासन के निर्देश पर हुआ, जिसमें एनसीसी कैडेट, छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने सामूहिक रूप से भाग लिया।

प्रार्थना सभा के दौरान राष्ट्रीय गीत का गायन कर देशभक्ति और एकता का संदेश दिया गया। साथ ही एनसीसी कैडेट ने परेड के साथ अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर स्कूल के एनसीसी थर्ड आफिसर विश्वास पाण्डेय के द्वारा छात्रों को वंदे मातरम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई।

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विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. महेंद्र कुमार तिवारी ने कहा, वंदे मातरम् न केवल एक गीत है, बल्कि यह राष्ट्र की आत्मा का प्रतीक है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों में देशभक्ति, अनुशासन और मातृभूमि के प्रति गर्व की भावना और अधिक प्रबल होगी।

प्ले ग्रुप से लेकर बारहवीं कक्षा तक के बच्चों ने वंदे मातरम का गायन करते हुए देश की एकता और अखंडता बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। संकल्प लिया कि जब भी मौका मिला देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देंगे।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को बताया गया कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की रचना बंकिम चंद्र चटर्जी ने आज से डेढ़ सौ वर्ष पूर्व 7 नवंबर 1875 को की थी। इस अवसर स्कूल के समस्त छात्र–छात्राएं एवं शिक्षक व कर्मचारी मौजूद रहे।



