उठ जाग हिन्द के नौजवान

Ajay Ehsaas
2 Min Read

Independence Day विशेष

उठ जाग हिंद के नौजवान,
करता हूं तुम्हारा आह्वान।
इस वतन के तुम ही माली हो ,
तुम ही हो इसके बागवान ।

तुम प्रगति मार्ग पर बढ़ जाओ ,
पथ में मुश्किल हो अड़ जाओ
अधिकार कोई छीने तुमसे
तो उसकी खातिर लड़ जाओ
सब साथ चलो सब साथ बढ़ो
और एक नया इतिहास गढ़ो
कुछ काम करो ऐसा तुम की, बन जाए देश महान
उठ जाग हिंद के नौजवान करता हूं तुम्हारा आह्वान ।

ना कर भाषा की लड़ाई तुम
ना धर्म की देना दुहाई तुम
ना ऊंच नीच ना जाति धर्म
अब पाट दो ऐसी खाई तुम
हिमगिरी सी तुम में ऊंचाई
और सागर जैसी गहराई
लहरों की मस्ती भी तुम में
और सूरज जैसी तरुणाई
हम सब बस भारतवासी हो, है एक यही पहचान
उठ जाग हिंद के नौजवान करता हूं तुम्हारा आह्वान ।

तुम वीर भगत ,राणा, सुभाष
अब्दुल हमीद का हो विश्वास
तुझमें गौतम गांधी रहते
चंद्रशेखर का है तुझमें वास
संकट आए जब धरती पर
तुम भी भीषण संग्राम करो
तुम मार भगाओ दुश्मन को
और जग में अपना नाम करो
गर स्वाभिमान से जीना है ना भूल कभी बलिदान
उठ जाग हिंद के नौजवान करता हूं तुम्हारा आह्वान ।

सब प्रतिभाओं की खान हो तुम
और मातृभूमि की शान हो तुम
जो गूंजे दसों दिशाओं में
उन वीरों का यशगान हो तुम
बनना ना दास किसी का तुम
खुद से खुद में स्वच्छंद बनो
तुम क्रांति ज्वाल की आग बनो
कुछ ऐसे छन्द अनंत बनो
ऐसी स्मृतियां दे देना, जग गाए तुम्हारा गान
उठ जाग हिंद के नौजवान करता हूं तुम्हारा आह्वान।

ना बांधा से तुम घबराना
दुख भोग के भी ना पछताना
कोई काम कठिन भी हो कितना
पर उससे ना तुम उकताना
तू ढूंढ समस्या समाधान
तू नव कौशल का कर संधान
ज्ञानी बन फैला जग में ज्ञान
नव नीति बना कर अनुसंधान
‘एहसास’ करा तू कीमती है
अब अपनी कीमत ले पहचान
उठ जाग हिंद के नौजवान करता हूं तुम्हारा आहवान
इस वतन के तुम ही माली हो तुम ही हो इसके बागवान।

-अजय एहसास
अम्बेडकर नगर (उ० प्र०)

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