दृढ़ संकल्प, समर्पण व अनुशासन से मिलती है बड़ी सफलता : नीरज
सीधी। स्थानीय श्री गणेश ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, पड़रा में संयुक्त शिक्षा संकाय (बीएड व डीएलएड) श्री गणेश कॉलेज ऑफ एजुकेशन, कमला मेमोरियल कॉलेज ऑफ एजुकेशन और श्री गणेश एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की ओर से गिरिजा ऑडिटोरियम में सृजन-3 थीम के तहत वार्षिक ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन बहुत जोश और उत्साह के साथ किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा संकाय के छात्र-छात्राओं ने संदेशपरक एजुकेशनल सांस्कृतिक प्रस्तुति दी।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम का शुभारंभ मंचस्थ अतिथियों के द्वारा जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में श्रीगणेश शिक्षा समिति के चेयरमैन एम.पी. शर्मा, विशिष्ट अतिथि संस्था के निदेशक नीरज शर्मा, सहायक निदेशक अरुण ओझा, शिक्षा संकाय से प्राचार्य धनंजय सिंह, प्राचार्य वी.के. सिंह और कमला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रोहित सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। उसके उपरांत कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा मां सरस्वती वंदना, स्वागत गीत, गजल, समूह व एकल नृत्य, नाटक, वीर रस कविता और शिक्षाप्रद विभिन्न प्रतियोगिताओं की प्रस्तुती देकर अपना टैलंट दिखाया।
श्री गणेश एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के प्राचार्य इन्द्रजीत सिंह ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, विभागाध्यक्षों, संकाय सदस्यों और छात्रों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम को संबोधित किया और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने संस्थान का संक्षिप्त विवरण दिया गया, जिसमें कॉलेज का आदर्श वाक्य, इतिहास और प्रतिष्ठा के साथ-साथ हाल की उपलब्धियाँ शामिल थीं।
श्रीगणेश शिक्षा समिति के चेयरमैन एम.पी. शर्मा ने अपने उद्बोधन में आधुनिक शिक्षा क्षेत्र की चुनौतियाँ के बारे में अपने विचार रखे। कहा कि आधुनिक शिक्षा रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देती है। यह न केवल विज्ञान, वाणिज्य और कला जैसे मुख्य विषयों पर बल्कि आलोचनात्मक सोच, जीवन कौशल, मूल्य-आधारित शिक्षा, विश्लेषणात्मक क्षमताओं और निर्णय लेने पर भी जोर देती है।
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निदेशक नीरज शर्मा ने विद्यार्थियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए जीवन में आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। श्रीशर्मा ने कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्प, समर्पण और अनुशासन बेहद जरूरी है। ये तीन परस्पर संबंधित गुण सफलता की रीढ़ बनते हैं, जो व्यक्तियों को बाधाओं को दूर करने, अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहने और विकास और उपलब्धि के एक सुसंगत मार्ग को बनाए रखने में सक्षम बनाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अच्छे नेतृत्व गुण, तनाव सहने की क्षमता, नवीन विचार, आत्मविश्वास विकसित करने आदि तरीके बताए। सहायक निदेशक अरुण ओझा ने नई शिक्षा नीति 2020 के उन बिंदुओं पर जोर दिया जो सर्वांगीण और अंतर्विषयक शिक्षा पर जोर देती है।
शिक्षा संकाय के सभी संस्थानों के प्राचार्यों ने भी अपने विचार साझा किए और विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा के समय सारणी, भूत, वर्तमान और भविष्य तथा सफल होने के लिए आवश्यक कदमों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन छात्रा दिव्या सोनी, कुलदीप त्रिपाठी, दिव्यांशी सिंह चौहान एवं दीपू प्रजापति ने किया। कार्यक्रम के अंत में शिक्षा संकाय के इन्द्रजीत सिंह ने उपस्थित जनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर सहायक प्राध्यपिका आरती सिंह, अमित कुमार मिश्र, दिलीप सिंह परिहार, अवतार कृष्ण, अंकिता सेन समेत सभी प्राध्यापकगण, कर्मचारी और बीएड एवं डीएलएड के सभी प्रशिक्षु उपस्थित रहे।