इस दौरान आम जन मानस पर यूनियन बजट के प्रभाव को विस्तार से बताया गया
सीधी, 10 मार्च। (राजकपूर चितेरा) स्थानीय कमला कॉलेज में सोमवार को वाणिज्य विभाग द्वारा यूनियन बजट 2025-26 अंतर्गत सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रोहित सिंह सहित समस्त विभागाध्यक्षों (डॉ. सुनीता सक्सेना- वाणिज्य एवं प्रबन्ध, धीरेन्द्र कुमार शुक्ला- विज्ञान, प्रकाश नारायण सिंह-कला, धर्मेन्द्र द्विवेदी-कंप्यूटर साइंस द्वारा श्रीगणेश व माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
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कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति डॉ. सुनीता सक्सेना द्वारा मार्गदर्शित छात्रों ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी। “इंपैक्ट ऑफ यूनियन बजट ऑन फॉर्मर्स” विषयक इस प्रेजेंटेशन में निवेदिता सोनी द्वारा बजट के महत्व, कशिश सोनी द्वारा 2025 में किए गए निरीक्षण के तहत यूनियन बजट कितना है, कोमल मिश्रा द्वारा 2025 -26 में किए गए यूनियन बजट विश्लेषण, अनु द्विवेदी द्वारा यूनियन बजट 2025 -26 के फाइनेंशियल आउटकम के बारे में विस्तार से समझाया गया। दूसरे क्रम में सहा. प्राध्यापक मंगलेश्वर गुप्ता द्वारा मार्गदर्शित “इंपैक्ट ऑफ यूनियन बजट ऑन एंटरप्रेन्योर्स” विषयक प्रेजेंटेशन में प्रिया सोनी द्वारा सामान्य परिचय से बजट और एंटरप्रेन्योरशिप को जोड़ा गया, कीर्ती कुशवाहा ने उद्यमिता की भूमिका, खुशबू सिंह द्वारा बजट में हुए बदलाव का एंटरप्रेन्योरशिप पर होने वाले प्रभावों, अर्चना जयसवाल ने सरकार की नीतियों और सुधार से कारोबार में तरक्की पर प्रकाश डाला।

तीसरे क्रम में डॉ. मनीष गिरि द्वारा मार्गदर्शित “इंपैक्ट ऑफ यूनियन बजट ऑन विमेंस” विषयक प्रेजेंटेशन में अक्षरा वर्मा द्वारा सामान्य परिचय, खुशी केसरी द्वारा महिलाओं के लिए यूनियन बजट की आवश्यकता, आस्था सिंह द्वारा बजट के प्रभावों और उसके महत्व, रागिनी सिंह द्वारा महिलाओं के लिए सरकारी योजनाओं, सरस्वती बैगा द्वारा महिला स्वास्थ्य के प्रभावों पर चर्चा, श्रेया साकेत द्वारा महिलाओं के शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव, चुनौतियों और सुझाव के बारे में बताया गया। वक्तव्य के क्रम में डॉ. अनिल नायर द्वारा भारतीय बजट का इतिहास व महत्व, मंगलेश्वर गुप्ता द्वारा देश की बेरोजगारी एवं एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देते हुए सरकार की भूमिका पर चर्चा, डॉ. रोहित सिंह द्वारा बजट की विभिन्न क्षेत्रों में महत्ता पर चर्चा, डॉ. मनीष गिरि द्वारा एंटरप्रेन्योरशिप हेतु सोच बदलने एवं नये प्रयासों पर चर्चा संपन्न हुई।
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कार्यक्रम का संयोजन कर रहीं विभागाध्यक्ष द्वारा यूनियन बजट का सारांश एवं आम जन मानस पर प्रभाव को विस्तार से बताया गया साथ ही धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम आयोजन समिति एवं वाणिज्य विभाग के प्राध्यापकों एवं छात्रों को विशेष स्थान दिया, साथ ही वाणिज्य एवं प्रबन्ध के आम जन जीवन में सार्थकता को भी सराहा। कार्यक्रम का संचालन सहा. प्राध्यापक सृष्टि गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम प्रतिवेदन सहा. प्राध्यापक सुषमा देवी तिवारी द्वारा तैयार किया गया। तकनीकी सहयोग सहा. प्राध्यापक पन्नेलाल गोस्वामी का रहा। इस दौरान सहा. प्राध्यापक डॉ. प्रीति शुक्ला, नरेन्द्र मिश्रा, विनय त्रिपाठी, प्रदीप सोनी, नीतू सिंह, जय नारायण विश्वकर्मा एवं छात्र छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रही।