सीधी। मऊगंज जिले के कलेक्टर कार्यालय में आज उस समय हड़कंप मच गया जब रीवा लोकायुक्त टीम ने अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को 5000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। अपर कलेक्टर (एडीएम) श्री ओहरी यह रिश्वत पीड़ित के पक्ष में बंटवारा तय करने की एवज में ले रहे थे।
रीवा लोकायुक्त टीम के अधिकारियों ने बताया कि मऊगंज जिले की तहसील नईगढ़ी के ग्राम खुझ निवासी रामनिवास तिवारी का जमीन बंटवारे का मामला राजस्व न्यायालय में चल रहा है। इस मामले में जब रामनिवास तिवारी ने अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी से संपर्क किया तो उन्होंने श्री तिवारी के पक्ष में कार्रवाई करने के लिए 20000 रुपए की रिश्वत की मांग की। सौदा 15000 रुपए में तय हुआ। जिसमें अपर कलेक्टर श्री ओहरी ने पहले 10000 रुपए ले लिए। इसके बाद अपर कलेक्टर श्री ओहरी 5000 रुपए मिलने के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कहते रहे।
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पीड़ित रामनिवास तिवारी ने इसकी शिकायत रीवा लोकायुक्त एसपी से की। इसके बाद पीड़ित रामनिवास तिवारी आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। यहां उसने अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को उनके कार्यालय में रिश्वत के तौर पर पांच हजार रुपए दिए, तभी लोकायुक्त टीम के डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार, निरीक्षक जियाउल हक सहित 12 सदस्यीय टीम ने कार्यालय में दबिश दी और अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को रंगे हाथों पकड़ लिया। एडीएम के रंगे हाथ पकड़े जाने की खबर से मऊगंज कलेक्टर कार्यालय में हड़कंप मच गया, कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सभी एडीएम के रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने की खबर से हैरान रह गए।