मतदान जरुर करे : गणेश स्कूल की छात्राओं ने फेस पेंटिंग के जरिए मतदाताओं को किया जागरूक

अजय एहसास
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चितेरा ने चेहरे पर पेंटिंग बनाकर शत-प्रतिशत मतदान का दिया संदेश

सीधी। लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर मतदाता जागरूकता अभियान के तहत गुरूवार को चुनाव की पूर्वसंध्या पर स्थानीय श्री गणेश सीनियर सेकेंडरी स्कूल पड़रा में चित्रकार राजकपूर चितेरा द्वारा आवासीय छात्राओं की चेहरे पर फेस पेंटिंग के जरिये शत-प्रतिशत मतदान करने का संदेश दिया। इस दौरान छात्राओं के चेहरे अलग-अलग रंग में दिखे, मगर सभी का संदेश एक था कि मतदान जरूर करें। छात्राओं ने फेस पेंटिंग के माध्यम से मतदाताओं से 19 अप्रैल को हर हालत में वोट डालने का आह्वान किया।

मतदान
छात्राओं के चेहरे पर पेंटिंग बनाते राजकपूर चितेरा।

आर्ट टीचर राजकपूर चितेरा ने बताया कि कक्षा नौवीं की छात्रा वर्षा गुप्ता, चंदा जायसवाल एवं रैना गुप्ता के फेस पर चुनावी सिम्बल, भारतीय तिरंगा कलर, भारत निर्वाचन आयोग लोगो व अन्य चित्रों सहित स्लोगन के माध्यम से लोगों को मतदान के प्रति प्रेरित करने के साथ ही मताधिकार के प्रयोग पर जोर दिया।

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मौके पर उपस्थित स्कूल के प्राचार्य डॉ. महेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से मतदाताओं में जागरुकता आएगी तथा सभी को अपने मत का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। कहा कि अच्छे राष्ट्र के निर्माण में देश के नागरिकों को जागरूक होना आवश्यक है। इस मौके पर स्कूल के सभी शिक्षकगण मौजूद रहे।

Lok Sabha Elections-2024 Face Painting
गणेश स्कूल के प्राचार्य डॉ. महेंद्र कुमार तिवारी जी के साथ छात्राए, शत-प्रतिशत मतदान के लिए जागरूक करती हुई।
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युवा कवि और लेखक, अजय एहसास उत्तर प्रदेश राज्य के अम्बेडकर नगर जिले के ग्रामीण क्षेत्र सलेमपुर से संबंधित हैं। यहाँ एक छोटे से गांव में इनका जन्म हुआ, इनकी इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा इनके गृह जनपद के विद्यालयों में हुई तत्पश्चात् साकेत महाविद्यालय अयोध्या फैजाबाद से इन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बचपन से साहित्य में रुचि रखने के कारण स्नातक की पढ़ाई के बाद इन्होंने ढेर सारी साहित्यिक रचनाएँ की जो तमाम पत्र पत्रिकाओं और बेब पोर्टलो पर प्रकाशित हुई। इनकी रचनाएँ बहुत ही सरल और साहित्यिक होती है। इनकी रचनाएँ श्रृंगार, करुण, वीर रस से ओतप्रोत होने के साथ ही प्रेरणादायी एवं सामाजिक सरोकार रखने वाली भी होती है। रचनाओं में हिन्दी और उर्दू भाषा के मिले जुले शब्दों का प्रयोग करते हैं।‘एहसास’ उपनाम से रचना करते है।
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