- विष्णु मिश्र की कड़ी सुरक्षा के बीच सीजेएम अदालत में हुई पेशी
- दुष्कर्म और धोखाधड़ी के आरोप में दो साल बाद पुणे से एसटीएफ ने किया था गिरफ्ता
भदोही,28 जुलाई । पूर्वांचल के सियासी रसूखदार बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्र के बेटे विष्णु मिश्र को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया। एसटीएफ उन्हें पुणे से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर भदोही लायी है ।धोखाधड़ी और दुष्कर्म के मामले में लगभग दो वर्षों से विष्णु फरार चल रहे थे। पुलिस उन पर एक लाख का ईनाम रखा था।
एसटीएफ ने बुधवार की रात में ही विष्णु मिश्रा को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार कर भदोही पहुंची। विष्णु मिश्रा धोखाधड़ी और दुष्कर्म के मामले में लगभग दो वर्षों से फरार चल रहा था। एसटीएफ ने रात के लगभग 10 बजे गोपीगंज कोतवाली में उनकी आमद करायी। गुरुवार सुबह उन्हें धोखाधड़ी और दुष्कर्म के मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया। विष्णु की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा कई बार दबिश दी गयी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली तो इनाम की राशि 25 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख कर दी गयी थी।विष्णु मिश्रा के खिलाफ पहले से लुक आउट नोटिस भी जारी थी।
विष्णु मिश्रा के अधिवक्ता हंसाराम शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि एसटीएफ की तरफ से उन्हें पुणे से गिरफ्तार कर में स्थानीय कोर्ट में लाया गया था जहां से उन्हें 25 से 29 जुलाई तक ट्रांजिट रिमांड दी गई है। गुरुवार को दुष्कर्म के मुकदमे में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में पेश किया गया। जबकि धोखाधड़ी के मामले में एसीजेएम की अडालत में पेश किया गया। उनके दोनों मुकदमों में पुलिस ने चार्जसीट दाखिल कर दिया है। अदालत की तरफ से विष्णु मिश्रा को आगामी 12 अगस्त तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।
जनपद की गोपीगंज कोतवाली में लगभग दो वर्ष पहले विजय मिश्रा के रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी ने धोखाधड़ी एवं मकान और फर्म पर जबरिया कब्जा करने का मामला पूर्व विधायक विजय मिश्रा, उनके बेटे विष्णु और पत्नी रामलली मिश्र पर कराया था। अगस्त 2020 में विजय मिश्रा मध्य प्रदेश के मालवा से गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे जबकि विष्णु उसी समय से फरार चल रहा था।
उत्तर प्रदेश में दूसरी बार योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्र पर लगातार शिकंजा कसता चला गया। चार बार के विधायक रह चुके विजय मिश्र कि जहां करोड़ों की संपत्ति जब्त कर ली गयी वहीं आलीशान आशियाने को धराशायी कर दिया गया। वह एक दौर भी था जब विजय मिश्रा का नाम भर काफी होता था। लेकिन जब सत्ता की निगाहें चढ़ी तो सारा किला ढह गया। जो विरोधी कभी विजय मिश्र के नाम से डरते थे आज वे खुलेआम हमला बोलते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की सरकार में भी उन्हें जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा था।