कविता : प्रणाम करें!

shabdrang
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प्रणाम करें! प्रणाम करें!
सब साथ में रहने की खातिर,
हम मिलकर ऐसा कुछ काम करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें!

देश की मिट्टी को चंदन बनाकर
उसका मान सम्मान करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें !

कश्मीर मिलाकर अपने में
हम नक्शे का विस्तार करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें !

बड़े बुजुर्गों का कहना माने
सत्य मार्ग का निर्माण करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें !

देश के कोने कोने में
राष्ट्रगान का गान करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें!

चढ़ हिमालय की चोटी पर
अपनी ही पहचान करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें!

कर दिखलाएं ऐसा कुछ
विदेश भी देश का नाम करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें!

दूसरों के लिए नहीं सही
अपने ही लिए कुछ काम करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें!

मेहनत करके बनकर ‘कलाम’
हम देश को कुछ दान करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें !

अब्दुल हमीद बनकर हम
शत्रु का टैंक बर्बाद करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें!

हम हिंद निवासी
सर्वप्रथम एक काम करें
प्रणाम करें! प्रणाम करें!

कविता- मो० साहिल

रामराजी इण्टर कालेज नरायनपुर प्रीतमपुर
हीरापुर, अम्बेडकर नगर (उ.प्र.)

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