- आज के बच्चे कल के भारत का भविष्य हैं- एम.पी शर्मा
सीधी। आजादी की 75वीं वर्षगांठ एवं अमृत महोत्सव तथा स्वतंत्रता दिवस के 76वें पर्व का समारोह श्री गणेश सीनियर सेकेंडरी स्कूल पड़रा में हर्षोल्लास के साथ मनाया। समारोह के मुख्य अतिथि रहे श्री गणेश शिक्षा समिति के अध्यक्ष महेश प्रसाद शर्मा ने राष्ट्र ध्वज फहराया। इस दौरान भारत स्काउट एवं गाइड और स्कूल के छात्रों ने मार्च पास्ट कर सलामी ली। ध्वजारोहरण के साथ ही राष्ट्रगान हुआ। बच्चों ने देशभक्ति से परिपूर्ण कार्यक्रम पेश कर समां बांध दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ किया गया उक्त दौरान संस्था के अध्यक्ष मुख्य अतिथि महेश प्रसाद शर्मा, विशिष्ट अतिथि प्रशासनिक अधिकारी एच. एस. पाण्डेय एवं प्राचार्य डॉ. महेंद्र कुमार तिवारी ने माँ सरस्वती व भारत माता सहित शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। तत्पश्चात प्रतिभागियों ने शानदार प्रस्तुतिकरण किया जिसमे नृत्य, संगीत और ड्रामा जैसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से आजादी के नायकों को याद करते हुए भविष्य के भारत की तस्वीर पेश की।
इस मौके पर मुख्य अतिथि एमपी शर्मा ने भारतमाता को आजाद कराने वाले वीर शहीदों के जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के बच्चे कल के भारत का भविष्य हैं। उन्होंने बच्चों से इन कुरीतियों से दूर रहते हुए राष्ट्रहित में भविष्य में काम करने का आह्वान किया। श्री शर्मा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत कर उत्साहवर्द्धन किया।
कार्यक्रम के अंत में स्कूल के प्राचार्य डॉ. महेंद्र कुमार तिवारी ने उपस्थित सभी आगुन्तकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि आजादी का पर्व हम सभी के लिए गौरव का क्षण है। इस प्रकार के कार्यक्रम में भाग लेकर छात्र अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाते है। इसलिए छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। आज छात्रों ने जिस प्रकार का प्रदर्शन किया उससे आजादी का उत्साह और अधिक दोगुना हो गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रभारी अर्चना मिश्रा, संगीत शिक्षक अवतार कृष्ण, नृत्य प्रशिक्षिका अंकिता सेन और डीके खरे (नाटक) सहित अन्य शिक्षकों का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन भीमराव रामटेके ने किया। इस मौके पर स्कूल के समस्त शिक्षक, छात्र-छात्राएं एवं अभिभावकगण मौजूद रहे।